आज का अपना टॉपिक है what is repeaters in hindi और इसके साथ इसके Types of repeaters in hindi, Working of repeaters in hindi, applications of repeaters in hindi, components of repeaters in hindi, Limitations of repeaters in hindi, Advances in repeaters in hindi, Futures of repeaters in hindi बारे में पढ़ेंगे
Introductions of Repeaters in hindi|रिपीटर का परिचय:
रिपीटर एक नेटवर्क डिवाइस है जो डेटा सिग्नल को लंबी दूरी तक प्रसारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। जब कोई डेटा नेटवर्क में ट्रांसमिट किया जाता है, तो वह दूरी बढ़ने के साथ कमजोर (attenuate) हो जाता है और सिग्नल की गुणवत्ता कम हो जाती है। इस समस्या को हल करने के लिए रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
रिपीटर मूल रूप से प्राप्त सिग्नल को पुनः प्राप्त (receive) करके उसे रिजनरेट (regenerate) करता है और उसे अगले नेटवर्क सेगमेंट में भेजता है। यह डिजिटल और एनालॉग दोनों प्रकार के सिग्नल्स के लिए कार्य करता है। रिपीटर का मुख्य कार्य सिग्नल को बिना किसी डाटा लॉस के मजबूत बनाना और ट्रांसमिशन रेंज को बढ़ाना है।
रिपीटर का उपयोग LAN (Local Area Network) और WAN (Wide Area Network) में किया जाता है। यह ओपन सिस्टम इंटरकनेक्शन (OSI) मॉडल की फिजिकल लेयर पर काम करता है। रिपीटर नेटवर्क में दो या अधिक खंडों को जोड़ने में मदद करता है और सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सही तरीके से भेजने में सहायता करता है।
उदाहरण:
वायरलेस नेटवर्क में, वाई-फाई सिग्नल को बढ़ाने के लिए वाई-फाई रिपीटर का उपयोग किया जाता है। इससे बड़े घरों या ऑफिस में इंटरनेट सिग्नल की पहुंच को बेहतर बनाया जाता है।
Types of Repeaters in hindi (रिपीटर के प्रकार)
रिपीटर एक ऐसा नेटवर्क डिवाइस है जो कमजोर सिग्नल को पुनः प्राप्त करके उसे मजबूत बनाकर आगे भेजता है। यह डेटा सिग्नल को लंबी दूरी तक प्रसारित करने में मदद करता है। रिपीटर कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न नेटवर्क आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करते हैं। नीचे रिपीटर के मुख्य प्रकारों को विस्तार से समझाया गया है:

1. Analog Repeater (एनालॉग रिपीटर)
एनालॉग रिपीटर का उपयोग एनालॉग सिग्नल को पुनः प्रसारित करने के लिए किया जाता है। यह सिग्नल को प्राप्त करता है, उसे बढ़ाता है और फिर आगे भेजता है। हालांकि, एनालॉग रिपीटर सिग्नल को पूरी तरह से साफ नहीं कर पाते और कभी-कभी इसके कारण सिग्नल में शोर (noise) बढ़ सकता है।
उदाहरण:
- टेलीफोन नेटवर्क में एनालॉग रिपीटर का उपयोग पुराने जमाने में लंबी दूरी की कॉल्स के लिए किया जाता था।
2. Digital Repeaters in hindi (डिजिटल रिपीटर)
डिजिटल रिपीटर डिजिटल सिग्नल्स को प्राप्त करता है, उन्हें डिकोड करता है, शुद्ध करता है और फिर पुनः ट्रांसमिट करता है। यह सिग्नल को रिजनरेट (regenerate) करके उसमें से किसी भी प्रकार के शोर को समाप्त कर देता है, जिससे बेहतर क्वालिटी का डेटा प्राप्त होता है।
उदाहरण:
- फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क में डिजिटल रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
3. Wireless Repeaters in hindi (वायरलेस रिपीटर)
वायरलेस रिपीटर वायरलेस नेटवर्क सिग्नल को मजबूत करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह वाई-फाई नेटवर्क को विस्तारित करने में मदद करता है ताकि बड़े क्षेत्रों में भी इंटरनेट का कवरेज बेहतर हो सके।
उदाहरण:
- वाई-फाई रिपीटर का उपयोग घरों और ऑफिसों में किया जाता है ताकि इंटरनेट कवरेज को बढ़ाया जा सके।
4. Optical Repeaters in hindi (ऑप्टिकल रिपीटर)
ऑप्टिकल रिपीटर फाइबर ऑप्टिक केबल्स के माध्यम से भेजे गए ऑप्टिकल सिग्नल्स को पुनः जनरेट करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह ऑप्टिकल सिग्नल को लंबी दूरी तक भेजने में मदद करता है।
उदाहरण:
- टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क में ऑप्टिकल रिपीटर का उपयोग लंबी दूरी की संचार प्रणाली में किया जाता है।
5. Satellite Repeaters in hindi (सैटेलाइट रिपीटर)
सैटेलाइट रिपीटर अंतरिक्ष में स्थापित सैटेलाइट्स में उपयोग किया जाता है। यह सिग्नल को पृथ्वी से प्राप्त करता है, उसे बढ़ाता है और फिर इसे दूसरी जगह पर भेजता है।
उदाहरण:
- टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग और GPS सिस्टम में सैटेलाइट रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
6. Wired Repeaters in hindi (वायर्ड रिपीटर)
वायर्ड रिपीटर डेटा को वायर्ड नेटवर्क में पुनः उत्पन्न करता है। यह मुख्य रूप से ईथरनेट नेटवर्क में उपयोग किया जाता है।
उदाहरण:
- ईथरनेट केबल नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग बड़े नेटवर्क में डेटा को पुनः प्रसारित करने के लिए किया जाता है।
7. Telephone Repeaters in hindi (टेलीफोन रिपीटर)
टेलीफोन रिपीटर का उपयोग टेलीफोन नेटवर्क में लंबे कॉल के दौरान सिग्नल को मजबूत करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:
- अंतरराष्ट्रीय कॉल्स में टेलीफोन रिपीटर का इस्तेमाल किया जाता है।
How Do Repeaters Work? (रिपीटर कैसे काम करते हैं?)
रिपीटर एक नेटवर्क डिवाइस है जो कमजोर सिग्नल को पुनः प्राप्त (receive) करके उसे पुनः जनरेट (regenerate) करता है और अगले नेटवर्क सेगमेंट में भेज देता है। जब कोई सिग्नल लंबी दूरी तक यात्रा करता है, तो वह कमजोर हो जाता है और डेटा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। रिपीटर इस समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1. Signal Reception (सिग्नल प्राप्त करना)
रिपीटर सबसे पहले कमजोर या क्षीण (attenuated) सिग्नल को प्राप्त करता है। यह सिग्नल नेटवर्क के एक सेगमेंट से दूसरे सेगमेंट में भेजे जाने की प्रक्रिया में आता है।
उदाहरण:
- यदि वाई-फाई नेटवर्क में सिग्नल कमजोर हो जाता है, तो वाई-फाई रिपीटर इसे कैच करता है।
2. Signal Amplification or Regeneration (सिग्नल को मजबूत या पुनः उत्पन्न करना)
सिग्नल प्राप्त करने के बाद, रिपीटर उसे एम्पलीफाई (amplify) या रिजनरेट (regenerate) करता है।
- एम्पलीफाई करना: यह प्रक्रिया एनालॉग सिग्नल में होती है, जहां सिग्नल की शक्ति को बढ़ाया जाता है।
- रिजनरेट करना: यह प्रक्रिया डिजिटल सिग्नल में होती है, जहां सिग्नल को डिकोड करके पुनः जनरेट किया जाता है और उसमें किसी प्रकार का शोर (noise) हटा दिया जाता है।
3. Signal Transmission (सिग्नल का पुनः प्रसारण)
सिग्नल को मजबूत या साफ करने के बाद, रिपीटर उसे अगले नेटवर्क सेगमेंट में ट्रांसमिट करता है। इससे सिग्नल की गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है और डेटा सही तरीके से डेस्टिनेशन तक पहुंचता है।
उदाहरण:
- फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क में, ऑप्टिकल रिपीटर सिग्नल को लंबी दूरी तक भेजने में सहायता करता है।
4. Breaking Network Segments (नेटवर्क सेगमेंट को जोड़ना)
रिपीटर दो या अधिक नेटवर्क सेगमेंट को जोड़ता है और यह सुनिश्चित करता है कि डेटा एक सेगमेंट से दूसरे तक सुचारू रूप से पहुंचे।
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Applications of Repeaters in hindi (रिपीटर के अनुप्रयोग)
रिपीटर एक महत्वपूर्ण नेटवर्क डिवाइस है, जिसका उपयोग कमजोर सिग्नल को मजबूत करने और डेटा को लंबी दूरी तक सही तरीके से प्रसारित करने के लिए किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के नेटवर्क और संचार प्रणालियों में उपयोग किया जाता है। रिपीटर का मुख्य उद्देश्य डेटा ट्रांसमिशन में गुणवत्ता बनाए रखना और नेटवर्क कवरेज को बढ़ाना है। नीचे रिपीटर के प्रमुख अनुप्रयोगों को विस्तार से समझाया गया है।
1. Telecommunications (दूरसंचार नेटवर्क में उपयोग)
टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग लंबी दूरी तक आवाज और डेटा सिग्नल को मजबूत करने के लिए किया जाता है।
- टेलीफोन नेटवर्क में, रिपीटर का उपयोग लंबी दूरी की कॉल्स के दौरान सिग्नल की शक्ति को बनाए रखने के लिए किया जाता है।
- मोबाइल नेटवर्क में, रिपीटर कमजोर सिग्नल को बढ़ाकर बेहतर नेटवर्क कवरेज प्रदान करता है।
उदाहरण:
- ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में, मोबाइल नेटवर्क सिग्नल को बढ़ाने के लिए रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
2. Computer Networks (कंप्यूटर नेटवर्क में उपयोग)
कंप्यूटर नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग डेटा ट्रांसमिशन को लंबी दूरी तक बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में, जब नेटवर्क केबल की लंबाई सीमा से अधिक हो जाती है, तो रिपीटर सिग्नल को पुनः उत्पन्न करके ट्रांसमिशन जारी रखता है।
- वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) में भी रिपीटर का उपयोग डेटा ट्रांसमिशन में शुद्धता बनाए रखने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:
- बड़े ऑफिस या संस्थानों में डेटा ट्रांसमिशन को बेहतर बनाए रखने के लिए ईथरनेट नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
3. Wireless Communication (वायरलेस संचार में उपयोग)
वायरलेस नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग वाई-फाई सिग्नल को मजबूत और विस्तारित करने के लिए किया जाता है।
- वाई-फाई रिपीटर का उपयोग उन स्थानों पर किया जाता है, जहां वाई-फाई सिग्नल कमजोर होता है।
उदाहरण:
- बड़े घरों, मॉल, होटल और ऑफिस में वाई-फाई कवरेज को बेहतर बनाने के लिए वाई-फाई रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
4. Satellite Communication (सैटेलाइट संचार में उपयोग)
सैटेलाइट संचार प्रणालियों में रिपीटर का उपयोग पृथ्वी और उपग्रह के बीच सिग्नल को भेजने और पुनः प्राप्त करने में किया जाता है।
- यह सिग्नल को एम्पलीफाई करता है और इसे अगले सेगमेंट में भेजता है।
उदाहरण:
- टेलीविजन प्रसारण और जीपीएस प्रणाली में सैटेलाइट रिपीटर का उपयोग किया जाता है।
5. Optical Fiber Communication (ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में उपयोग)
ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग फाइबर ऑप्टिक केबल के माध्यम से सिग्नल को लंबी दूरी तक प्रसारित करने के लिए किया जाता है।
- यह ऑप्टिकल सिग्नल को डिकोड और पुनः उत्पन्न करता है और आगे भेजता है।
उदाहरण:
- समुद्र के नीचे बिछाए गए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में रिपीटर का उपयोग अंतरराष्ट्रीय डेटा ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है।
Components of Repeaters in hindi (रिपीटर के घटक)
रिपीटर एक नेटवर्क डिवाइस है जो कमजोर सिग्नल को पुनः प्राप्त (receive) करके उसे पुनः जनरेट (regenerate) करता है और अगले नेटवर्क सेगमेंट में भेज देता है। रिपीटर का कार्य सिग्नल को मजबूत बनाना और डेटा ट्रांसमिशन की गुणवत्ता बनाए रखना है। इसके लिए रिपीटर में कई महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जो मिलकर इसे कुशलतापूर्वक काम करने में सहायता करते हैं। नीचे रिपीटर के प्रमुख घटकों का विस्तार से विवरण दिया गया है।
1. Receiver (रिसीवर)
रिसीवर रिपीटर का पहला और सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है। यह नेटवर्क से कमजोर सिग्नल को प्राप्त (receive) करता है और उसे आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार करता है।
- रिसीवर का मुख्य कार्य सिग्नल को पकड़ना और उसे प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाना होता है।
- यह एनालॉग और डिजिटल दोनों प्रकार के सिग्नल को प्राप्त कर सकता है।
उदाहरण:
- वायरलेस नेटवर्क में, रिसीवर कमजोर वाई-फाई सिग्नल को प्राप्त करता है।
2. Amplifier (एम्प्लीफायर)
एम्प्लीफायर का कार्य कमजोर सिग्नल को मजबूत (amplify) करना होता है।
- यह एनालॉग सिग्नल को बढ़ाकर उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
- हालांकि, एम्प्लीफायर सिर्फ सिग्नल की शक्ति को बढ़ाता है, लेकिन उसमें मौजूद शोर (noise) को कम नहीं करता।
उदाहरण:
- टेलीफोन नेटवर्क में, एम्प्लीफायर का उपयोग लंबी दूरी की कॉल्स के दौरान सिग्नल को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
3. Signal Regenerator (सिग्नल रिजनरेटर)
डिजिटल रिपीटर में एम्प्लीफायर की जगह सिग्नल रिजनरेटर का उपयोग किया जाता है।
- यह डिजिटल सिग्नल को डिकोड (decode) करके पुनः उत्पन्न (regenerate) करता है और किसी भी प्रकार के शोर (noise) को समाप्त कर देता है।
- रिजनरेटर सिग्नल को नए और शुद्ध रूप में पुनः जनरेट करके अगले नेटवर्क सेगमेंट में भेजता है।
उदाहरण:
- ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में सिग्नल रिजनरेटर का उपयोग लंबी दूरी तक डेटा भेजने में किया जाता है।
4. Transmitter (ट्रांसमीटर)
ट्रांसमीटर का कार्य सिग्नल को पुनः प्रसारित (transmit) करना होता है।
- यह पुनः उत्पन्न या मजबूत किए गए सिग्नल को अगले नेटवर्क सेगमेंट में भेजता है।
- ट्रांसमीटर सुनिश्चित करता है कि सिग्नल अगले डिवाइस या नेटवर्क तक बिना किसी रुकावट के पहुंचे।
उदाहरण:
- वायरलेस रिपीटर में, ट्रांसमीटर सिग्नल को हवा में प्रसारित करता है ताकि यह अगले डिवाइस तक पहुंच सके।
5. Power Supply (पावर सप्लाई)
रिपीटर के सभी घटकों को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है।
- पावर सप्लाई रिपीटर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है ताकि रिसीवर, एम्प्लीफायर, और ट्रांसमीटर सही ढंग से कार्य कर सकें।
- बिना उचित पावर सप्लाई के, रिपीटर का संचालन संभव नहीं है।
उदाहरण:
- वाई-फाई रिपीटर को बिजली की सप्लाई USB या पावर एडॉप्टर के माध्यम से दी जाती है।
6. Antenna (एंटीना) [Wireless Repeaters Only]
वायरलेस रिपीटर में एंटीना का उपयोग सिग्नल को प्राप्त करने और प्रसारित करने के लिए किया जाता है।
- एंटीना वायरलेस सिग्नल को कैच करता है और इसे रिसीवर तक पहुंचाता है।
- मजबूत और कुशल एंटीना बेहतर सिग्नल ट्रांसमिशन सुनिश्चित करता है।
उदाहरण:
- वाई-फाई रिपीटर में एंटीना बेहतर सिग्नल कवरेज प्रदान करता है।
7. Noise Filter (नॉइज़ फिल्टर)
नॉइज़ फिल्टर सिग्नल में मौजूद अवांछित शोर (noise) को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- यह सिग्नल की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है और ट्रांसमिशन में किसी भी रुकावट को रोकता है।
- डिजिटल रिपीटर में नॉइज़ फिल्टर का उपयोग सिग्नल की शुद्धता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
Limitations of Repeaters in hindi (रिपीटर की सीमाएं)
रिपीटर नेटवर्क में सिग्नल को मजबूत और पुनः उत्पन्न करके लंबी दूरी तक डेटा ट्रांसमिशन को संभव बनाता है। हालांकि, रिपीटर के कई लाभों के बावजूद, इसके कुछ महत्वपूर्ण सीमाएं भी हैं जो इसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं। नीचे रिपीटर की प्रमुख सीमाओं का विवरण दिया गया है।
1. Cannot Filter Traffic (ट्रैफिक को फ़िल्टर नहीं कर सकता)
रिपीटर केवल सिग्नल को प्राप्त, पुनः उत्पन्न और ट्रांसमिट करता है, लेकिन यह नेटवर्क ट्रैफिक को फ़िल्टर नहीं कर सकता।
- यह नेटवर्क पर भेजे जा रहे सभी डेटा पैकेट्स को बिना जांचे आगे भेज देता है।
- इस वजह से नेटवर्क में अनावश्यक ट्रैफिक बढ़ सकता है और बैंडविड्थ की समस्या हो सकती है।
2. Limited to Physical Layer (केवल फिजिकल लेयर तक सीमित)
रिपीटर केवल फिजिकल लेयर (Physical Layer) पर काम करता है और ओएसआई मॉडल (OSI Model) की उच्च स्तरीय लेयर्स के डेटा को प्रोसेस नहीं कर सकता।
- यह डेटा पैकेट की एड्रेसिंग, रूटिंग और एरर डिटेक्शन जैसी उच्च स्तरीय सेवाओं को सपोर्ट नहीं करता।
3. Cannot Reduce Network Congestion (नेटवर्क भीड़ को कम नहीं करता)
रिपीटर नेटवर्क की भीड़ (congestion) को नियंत्रित करने में असमर्थ होता है।
- जब नेटवर्क में बहुत अधिक डिवाइस जुड़े होते हैं, तो रिपीटर सभी डेटा को आगे बढ़ा देता है, जिससे नेटवर्क में भीड़ और ट्रैफिक की समस्या बढ़ जाती है।
4. Limited Coverage (सीमित कवरेज)
रिपीटर का कवरेज क्षेत्र सीमित होता है और यह बहुत लंबी दूरी तक सिग्नल को मजबूत नहीं कर सकता।
- कई बार सिग्नल की गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि रिपीटर भी उसे सही ढंग से पुनः उत्पन्न नहीं कर पाता।
5. Cannot Correct Errors (त्रुटि सुधार में असमर्थ)
रिपीटर सिग्नल को पुनः उत्पन्न करता है, लेकिन यह डेटा में मौजूद त्रुटियों (errors) को पहचानने या सुधारने में सक्षम नहीं होता।
- यह केवल सिग्नल को उसी रूप में आगे भेजता है, जिससे डेटा में गलती होने की संभावना बनी रहती है।
Future of Repeaters in hindi (रिपीटर का भविष्य)
रिपीटर का उपयोग वर्तमान में विभिन्न नेटवर्किंग और संचार प्रणालियों में किया जाता है, लेकिन भविष्य में इसकी तकनीक और कार्यक्षमता में और भी अधिक उन्नति होने की संभावना है। डेटा ट्रांसमिशन की बढ़ती मांग और नई तकनीकों के विकास के साथ, रिपीटर का भविष्य काफी उज्जवल दिखाई देता है। नीचे रिपीटर के भविष्य की संभावनाओं को विस्तार से समझाया गया है।
1. Advanced Signal Processing (उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग)
भविष्य में, रिपीटर में उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे सिग्नल को अधिक कुशलता से एम्पलीफाई और रिजनरेट किया जा सकेगा।
- मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ रिपीटर सिग्नल की गुणवत्ता में सुधार करेगा।
- इससे डेटा ट्रांसमिशन की गति और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
2. Integration with 5G and 6G Networks (5G और 6G नेटवर्क के साथ एकीकरण)
5G और आगामी 6G नेटवर्क के विस्तार के साथ, रिपीटर की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
- वायरलेस नेटवर्क में बेहतर कवरेज और हाई-स्पीड डेटा ट्रांसमिशन के लिए स्मार्ट रिपीटर का उपयोग किया जाएगा।
- 5G और 6G नेटवर्क में रिपीटर अल्ट्रा-लो लेटेंसी और हाई थ्रूपुट सुनिश्चित करेगा।
3. Optical Repeater Innovations (ऑप्टिकल रिपीटर में नवाचार)
ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में रिपीटर की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
- भविष्य में, ऑप्टिकल रिपीटर लंबी दूरी तक डेटा को अत्यधिक गति से भेजने में सक्षम होंगे।
- यह अंतरराष्ट्रीय संचार में क्रांति ला सकता है, जिससे डेटा ट्रांसफर अधिक सुरक्षित और तेज़ होगा।
4. Energy-Efficient and Eco-Friendly Designs (ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन)
भविष्य के रिपीटर अधिक ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल होंगे।
- लो-पावर रिपीटर का विकास, ऊर्जा की खपत को कम करेगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
5. Smart Repeater with IoT (स्मार्ट रिपीटर और IoT का एकीकरण)
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस के बढ़ते उपयोग के साथ, स्मार्ट रिपीटर का भविष्य में अधिक उपयोग होगा।
- ये रिपीटर IoT नेटवर्क में डेटा ट्रांसमिशन को बेहतर बनाएंगे और स्मार्ट होम, स्मार्ट सिटीज और ऑटोमेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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Reference: https://www.shiksha.com/online-courses/articles/what-are-repeaters-in-computer-network/