Operating system in hindi

what is operating system in hindi

आज के समय जितने भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस है। उन सब को सही तरीके से चलाने के लिए एक साफ्टवेयर की आवश्यकता है। वही साफ्टवेयर Operating system  कहलाता है। बिना ऑपरेटिग सिस्टम के हार्डवेयर का कोई उपयोग नहीं है। उदाहरण के लिए अगर कम्प्यूटर में windows ना हो तो क्या हम केवल CPU, Hard Disk या RAM द्वारा Computer को चला सकते है क्या? तो जवाब होगा नही, तो अब आप समझ गये होगे की Operating system hardware व user के बीच मध्यस्थ का कार्य करता है
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Why use operating system in Hindi:-

Operating system एक computer software है और इस Software का उपयोग machine व user के बीच इन्टरफेस के रूप् में किया जाता है लेकिन इसके साथ-साथ इसका एक महत्वपूर्ण उपयोग । application Software को लाइट वेट रखने के लिए किया जाता है।
अगर Operating system नही होगा तो प्रत्येक एप्लीकेशन साफ्टवेयर के लिए कम्प्यूटर की डिसक स्टोरेज, नेटवर्क इन्रफेस आदि को मैनेज करने के लिए आवश्यक व्यापक कोड या इन्सट्रेक्सन की आवश्यकता हागी व Computer Resource का बहुत अधिक उपयोग करेगा।
इसी कारण से Computer  पर कार्य करना आसान नही होगा। इस Problem को Solve करने के लिए operating system का उपयोग किया जाता है। क्योकि operating system होने के कारण Application Software को हार्डवेयर के बारे में जानने की आवश्यकता नही होती है। इससे समय व coding  र्की मात्रा को काफी हद तक कम कर देता है। जिससे उपयोगकर्ता OS के माध्यम से system hardware को नियत्रित, कॉन्फिगर और प्रतिबधित कर सकते है।

History of Operating system in hindi:-

operating system की History 1950 से शुरू होकर वर्तमान तक चल रही है छोटे-छोटे कार्यो को संभालने से शुरू होकर वर्तमान में जटिल व महत्वपूर्ण कार्यो को operating system के द्वारा सभाला जा रहा है
प्रारम्भिक दिन(1950 का दशक):- इस समय बैच प्रोसेसिग का उपयोग होता था, क्योकि पहले computer बिना operating system के संचालित होते थे। और यूजर जब पंच कार्ड पर जॉब सबमिट करते थे और कम्प्यूटर उन्हे लगातार उसी क्रम में चलाते रहते थे उस समय के कम्प्यूटर UNIVAC-1 और IBM-701  जैसे कम्प्यूटर के उदाहरण है
1960 का दशक:– इसमें बैच प्रोसेसिग को कम्प्यूटर में लागू किया गया जैसे IBM के operating system/360 जैसे आपरेटिग सिस्टम ने बिना किसी भी USER के हस्तक्षेप के कार्यो को execute करने की अनुमति दी तथा इसके साथ ही साथ मल्टीप्रोग्रामिग में कई कार्यो को एक साथ memory में रखने की अनुमति दी।
1970 का दशक:- इस समय UNIX operating system की खोज हुई जो कि operating system के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इसमें ही फाइल सिस्टम व मल्टीयूजर की अवधारणा का जन्म हुआ और आगे चलकर Android, Linux जैसे operating system भी इसी के आधार पर बने।
1980 का दशक:- इस दशक में GUI अर्थात ग्राफिकल यूजर इन्टरफेस ने कम्प्यूटर की व operating system की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी। जैसे की Apple का MAC OS व Microsoft का Windows operating system.
1990 का दशक:- इस दशक में इंटरनेट के आविष्कार के साथ-साथ नेटवर्किग क्षमताओं को operating system में एकीकृत किया गया। इसी समय Linux नामक operating system का विकास हुआ। जो कि बहुत लोकप्रिय, सुरक्षित व ओपन सोर्स था।
2000 व उसके बाद का समय:- सन् 2000 के बाद Android व ios जैसे मोबाइल वे का विकास हुआ व इसके साथ-साथ क्लाउड़ आधारित operating system ने काफी लोकप्रियता हासिल की।

Funcation of operating system in hindi:-

आपरेटिग सिस्टम कई मूलभूत कार्य करता है। जो कि Hardware व Software ससाधनों को कुशलतापुर्वक प्रबधित व समन्वयित करने की अनुमति देते है तो नीचे हम कुछ महत्वपूर्ण operating system के कार्य देखेगे।
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1. Process management:- operating system का प्राथमिक कार्य प्रक्रिया प्रबंध है जिसमें प्रोसेस को बनाना, शेड्यूल करना व उस प्रोसेस को समाप्त करना जैसे कार्य शामिल है

a. Process creation and deletion:- जब भी कोई यूजर किसी एप्लीकेशन को ओपन करता है तो operating system एक process बनाता है एवं आवश्यक रिसोर्स Allocate करता है और उसके निष्पादन को शेडयूल करना है। और एक बार कार्य पूर्ण हो जाने के बाद प्रोसेस को समाप्त कर देता है और संसाधन free हो जाते है।
b. Multitasking:- operating system मल्टी टास्किग को सक्षम बनाते है। जिसमें कई प्रोसेस को एक साथ चलाने की अनुमति दी जाती है। जिससे प्रोसेस स्विच होकर एक साथ कई कार्य कर सकती है
Scheduling Algorithm- operating system scheduling algorithm  जैसे की फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व (First come first served), Sort Job Next  एवं Round robin(RR) जैसी एल्गो के माध्यम से यह निर्धारित किया जाता है कि कौनसी प्रोसेस को पहले सीपीयू को अलोकेट करना है।

2. Memory management- यह भी operating system का महत्वपूर्ण कार्य है इसका मूख्य कार्य प्रक्रियाओं के लिए मेमोरी स्पेस को आवटिंत करना है व memory allocation करने को संभालता है।

a. Memory Allocation:– Operating system प्रोसेस को निष्पादित/execute करते समय मेमोरी का आवटन करना है। और देखता है कि मैमोरी स्पेस का कुशलतापूर्वक उपयोग हो।
b. Virtual memory:– वर्चुअल मैमोरी का उपयोग करके आप सिस्टम डिस्क के स्टोरेज का उपयोग रेम (त्।ड) की तरह किया जा सकता है यह स्थिति तब आती है जब रेम के मैमोरी साइज से बड़ी प्रोसेस आ जाए तब हार्ड डिस्क की कुछ मैमोरी का उपयोग रेम की तरह किया जाता है।
c. Paging and segmentation:- इसमें मैमोरी के management स्कीम हाती है जो प्रोग्राम को कई छोटे छोटे भागों में तोड़कर कई भागों में विभाजित कर देता है जिससे प्रोग्राम को मैमोरी में अधिक त्रीवता के साथ लोड़ किया जा सके।

3. File management system:-

 इसमें operating system SSD या हार्डडिस्क या किसी भी बाहरी स्टोरेज डिवाइस पर फाइलों को सग्रहित व उन्हे रिस्टोर करना आदि कार्य किये जाते है।

a. File organization:-  इससे operating system यह देखता है कि फाइल और डायरेक्टरी कैसे, फाइल सिस्टम जैसे NTFS, FAT-32 व EXT-4 का उपयोग करके मैनेज व स्टोर और Organized करता है
b. Access Control:- Operating system यह भी देखता है कि अधिकृत ( जिसको permission हो) यूजर ही फाइल तक पहूँच सके और उन्हे edit कर सके।
c. Disk Management- Operating system डिस्क को Format करना, फाइल को डिलिट करना और डिस्क को डीफ्रेग्मेट करना और जो स्पेस डिस्क में खाली पड़ा है उसको मैनेज करना।

4. Divice Management:-

operating system डिवाइसों को मैनेज करता है जैसे प्रिटर, स्कैनर, नेटवर्क एडप्टर जैसे उपकरणों को सही तरीके से मैनेज करना व उनका नियंत्रण करना शामिल है operating system के डिवाइस मैनेजमैंट के कई कार्य है

a. Divice Drivers:- Operating system डिवाइस ड्राइवर के माध्यम से हार्डवेयर उपकरणों के साथ संचार करता है। और किसी नये उपकरण के लिए ड्राइवर्स को मैनेज करता है।
b. Input/output Control- Operating system हार्डवेयर उपकरणों और सिस्टम के बीच डेटा के हस्तातंरण को मैनेज करता है जिससे इनपूट व आउटपूट का संचालन सुनिश्चित होता है।

5.Security and Access Control-

operating system डेटा व सिस्टम की अखंडता की सुरक्षा के लिए कार्य करता है उनमे से कुछ कार्य निम्न है

a. Authentication and authorization:- Operating system यह सुनिश्चित करता है कि सिस्टम तक पहूचने से पहले किसी भी यूजर को देखा जाए की वह । Authenticated user है या नही।

b. Encryption and secure file system:–  आज के आधुनिक ऑपरेटिग सिस्टम डाटा को सुरक्षित रखने के लिए encryption mechanisms का उपयोग करते है।

c. System Monitoring-  OS सिस्टम में हुई गतिविधियों का लेखा-जोखा रखता है। और जहाँ सुरक्षा के मानकों का उल्लघन होता है तो उसका पता लगाता है।

Types of operating system in hindi:-

विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए बनाये जाते है। नीचे प्रमुख ऑपरेटिग सिस्टम को देखेगे।

Types of operating system in hindi
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a. Batch Operating system in hindi:- इस ऑपरेटिग सिस्टम का विकास सबसे पहले हुआ था इस सिस्टम में समान कार्यो को एक साथ रखकर समूहीकृत किया जाता था और आपरेटिग सिस्टम उन्हे बिना किसी यूजर के क्रमिक रूप से execute करता था। यह बड़े पैमाने पर कम्प्यूटिग कार्यो के लिए कुशल था। लेकिन इसमें Limited interactivity थी।

b. Time Sharing Operating system in hindi:-  टाइम शेयरिग ऑपरेटिग सिस्टम उपयोगकर्ता के कार्यो को तेजी से switch करके कई यूजर को एक सिस्टम तक पहूंचने के लिए allow करता है। जिससे सिस्टम बेहतर तरीके से संसाधनों का उपयोग व Multitasking की अनुमति देता है। जिससे CPU समय का एक समय स्लाइस आवंटित किया जाता है।

c. Distributed sharing operating system in hindi;- Distributed os independent computers  को मैनेज करता है। और यूजर को एक एकीकृत प्रणाली के रूप् में प्र्रस्तुत करता है इसमें प्रोसेसिग पावर और Storage जैसे Resource को विभिन्न मशीनों के द्वारा साझा किया जाते है।

d. Real Time operating system in hindi (RTOS)– Real time operating system ऐसे वातावरण के लिए डिजाइन किये जाते है जहाँ समय की बहुत महत्वता होती है जैसे की राकेट लाचिग सटेशन पर, मिशाइल डिफेन्स सिस्टम, मेडिकल में ऑपरेशन करते समय आदि में त्मंस जपउम वे का उपयोग होता है क्योकि यहां समय सीमा बहुत निर्धारित होती है।

e. Network Operating system in hindi:-  नेटवर्क ऑपरेटिग सिस्टम में किये गये कम्प्यूटर में फाइल का साझाकरण, प्रिटर एक्सेस, व सुरक्षा प्रबंध की सुविधा प्रदान करते है। उदाहरण के तौर पर windows का windows server  और नोवल नेटवेयर आदि। ये आधुनिक सर्वर आधारित सिस्टम है जो नेटवर्क पर डेटा व यूजर को Autherize व Application को मैनेज करने की क्षमता प्रदान करते है।

Key Component of an Operating system in hindi-

Operating system कई Component से मिलकर बना होता है और प्रत्येक Component का एक कार्य होता है।

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1. कर्नल:- कर्नल Operating system का ही एक भाग जो कि मैमारी प्रोसेस व उसके उपकरण सहित system के संसाधनों के प्रबंध के लिए जिम्मेदार होता है। कर्नल के कई प्रकार होती है

  • Monolithic Kernels:  इसमें एक ही प्रोग्राम के अंदर सभी आवश्यक सेवाए शामिल होती है
  • Micro Kernels: इनका मुख्य उद्देश्य कार्यक्षमताओं को न्यूनतम रखना व अन्य ेमतअपबमे को अलग-अलग Modules को सौपना है।
  • Hybird Kernels: ये कर्नल Monolithic Kernels व Micro Kernels दोनो से मिलकर बनते है इससे इनकी प्रोसेसिग स्पीड़ व Accurcy बढ़ जाती है।

2. User interface: user interface (UI) उपयोगकर्ताओं को वे के बीच interact करने की अनुमति देता है। इसके मुख्य 2 प्रकार होते है।

  • Command line interface (CLI): यह एक text आधारित इंटरफेस है। इसमें यूजर या उपयोगकर्ता को Operating system के साथ बातचीत करने के लिए कमाण्ड इनपूट की आवश्यकता होती है जैसा ही MS-Dos में होता है
  • Ghaphical User interface- यह एक प्रकार का  Visual interface होता है जो उपयोगकर्ता को विंडोज आइकन व बटन जैसे ग्राफिकल तत्वों का उपयोग करके सिस्टम के साथ बातचीत करने की अनुमति देता है। जैसे windows xp, windows 7,windows 11.

3. System libraries– System लाइब्रेरी में ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए आवश्यक कोड व रूटिन होते है। जिनका उपयोग Application operating system के साथ संचार करने के करते है। व input व Output के संचालन, Memory management व Process management के लिए function प्रदान करता है।

4. Device Drivers:- ये विशेष प्रकार के Software होते है जो किसी भी Operating System को हार्डवेंयर के घटकों के साथ इटरैक्ट करने की अनुमति प्रदान करते है तथा इसके साथ Driver उच्च स्तरीय ऑपरेटिग सिस्टम के निर्देशों को डिवाइस विशिष्ट कमाण्ड मे और डिवाइस-विशिष्ट कमाण्ड को OS निर्देशों में बदलते है।

Popular Operating system in hindi:-

a. Microsoft windows Operating system in hindi:- microsoft windows  पर्सनल व वर्कस्टेशन के लिए व्यापक रूप् से इस्तेमाल किया जाने वाला वे है। यह 1985 में सबसे पहले यूजर के लिए उपलब्ध हुआ। और धीरे-धीरे निरन्तर इसमें सुधार होते गये और आज के दिन यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय ऑपरेटिग सिस्टम बन गया है।

windows अपने यूजर के अनुकूल ग्राफिक्स इंटरफेस उपलब्ध करवाता है। जिससे यूजर का experience अच्छा होता है। windows 10,  windows11 और windows server जैसे version आम व्यक्तियों व professional person दोनो के लिए उपयोगी है।

b. MAC Operating system in hindi:- Mac OS को Apple Inc. के द्वारा Macintosh कम्प्यूटरों के लिए विकसित किया गया OS है। यह अपने आकर्षक डिजाइन व आसानी से उपयोग किये जाने वाले इन्टरफेस और IPhone व IPad जैसे डिवाइस के साथ आसानी से उपयोग किया जाता है।

MAC एक सुरक्षित ऑपरेटिग सिस्टम है इसका ज्यादातर उपयोग ग्राफिक डिजाइन, वीडियों editing में किया जाता है। इसके लोकप्रिय version Mac OS Catalina, big sur  और Monterey है।

c. Linux operating system in hindi:- Linux ऑपन सोर्स ऑपरेटिग सिस्टम है। जो Flexibility, Stability और strong security प्रदान करता है। लिनक्स का इस्तेमाल कई तरह के वातावरण में किया जाता है इसका उपयोग पर्सनल डेक्सटाप से लेकर सर्वर और सुपर कम्प्यूटर में भी किया जाता है।

यह open source होने के कारण यूजर के हिसाब से बड़े पैमाने पर कसटमाइजेशन करने में मदद करता है। इसके लोकप्रिय versions या डिस्ट्रीब्यूुशन में उंबटू, फेडोरा और डेबियन शामिल है। Linux का उपयोग वेब सर्वर, क्लाउड कम्प्यूटिग में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

d. Android operating system in hindi:- Android दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाइल OS है। जिसे गुगल ने विकसित किया। यह OS Linux के कर्नल पर आधारित है। Android लाखों स्मार्ट फोन, टैबलेट, स्मार्ट टीवी और पहनने योग्य smart device में आसानी से install हो जाते है। इसका open source नेचर निर्माता व डेवलपर्स को एप्लीकेशन को कस्टमाइज करने की अनुमति देता है। जिससे ऐप का एक विशाल स्टोर बनता है। Android वर्जन का नाम डेसर्ट के नाम पर रखा गया है। जैसे Android oreo, pie और Android  12.

e. ios operating system in hindi:- ios apple का मोबाइल operating system  है जिसे खास तौर पर apple व ipad के लिए डिजाइन किया गया है। अपनी सुरक्षा सरलता व HIgh performance  के लिए जाना जाता है। यह apple के hardware  व सेवाओं को अच्छे से integrated  करता है। ios गोपनीयता व मजबूत सुरक्षा के लिए जाना जाता है।

f. Unix operating system in hindi- UNIX सबसे पुराने व प्रभावशाली OS में से एक है इसे 1970 के दशक में विकसित किया गया है। Linux व mac os unix के आधार पर ही विकसित किये गये है। unix बड़े पैमाने पर एटरप्राइज सर्वर, मेनफ्रेम और वर्कस्टेशन का उपयोग किया जाता है। जो Reliability व Multiuser capabilities प्रदान करता है।

UNIX प्रमुखता सर्वर व अनुसंधान संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ये OS आधुनिक कम्प्यूटिग की रीड की हड्डी माना जा सकता है। जो personal computer से लेकर बड़े पैमाने पर सर्वर तक अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने की ताकत रखता है।

Key Trands in operating system in hindi:-

a. Cloud based operating system in hindi:- इन दिनो cloud based os में बदलाव आया है। इसके साथ-साथ इन सिस्टम को कम्प्यूटर के संसाधनों का पूर्ण रूप् से लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है।

जिससे उपयोगकर्ता स्थानीय हार्डवेयर पर निर्भर रहने की बजाय इन्टरनेट के माध्यम से application और सेवाओं तक पहुच सके। उदाहरण के तौर पर google का crome os है जो कि cloud application और storage पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

cloud os की मुख्य विशेषता:-

  • किसी भी डिवाइस से ।चचसपबंजपवद व फााइलों तक दूरस्थ पहूंच
  • हार्डवेयर पर निर्भरता का कम होना, क्योकि प्रोसेसिग क्लाउड से की जाती है।

b. Containerization and virtualization:- कन्टेनरीकरण और वर्चुअलाइजेशन ने application का deploy  करने व मैनेज करने के तरीके में क्रांति ला दी है इसस परंपरिक हार्डवेयर निर्भर वे इन्सटालेशन पर निर्भर रहने की बजाय वर्चुअलाइजेशन मशीन के माध्यम से ही एक मशीन या सिस्टम पर कई वे चलाने की अनुमति देता है।

Docker और Kubernets जैसी तकनीकों द्वरा लोकप्रिय कटेनीकरण, apllication को अलग-अलग कंटेनरो को अनुमति देकर वर्चुलाइजेशन तकनीक को और आगे बढ़ा दिया गया है।

c. Edge computing and IOT एकीकरण:- एज कम्प्यूटिग और IOT(internet of things ) के उदय ने एसे वे की आवश्यकता महसूस करवाई जो वितरित नेटवर्क व एम्बेडेड सिस्टम पर अचछी तरह से काम कर सके। जहाँ क्लाउड में प्रोसेस केद्रीकृत डेटा केंद्रो में होती है। वही एज कम्प्यूटिम डेटा सोर्स को करीब लाती है इससे देरी कम होती है और प्रोसेसिग में सुधार होता है।

d. Artificial intelligence & machine learning:- जैसे-जैसे artificial intelligence और मशीन लर्निग application बढते जा रहे है। ऑपरेटिग सिस्टम इन टेक्नोलाजी को अपने में सम्मलित कर रहे है। जैसे OS वायस असिस्टेंट आदि इसके अतिरिक्त AI संचालित आधारित Resource management os का उपयोग एक पैटर्न के आधार पर cpu को मैमोरी व स्टोरेज तेज गति से आवटित कर सकता है।

e. Enhanced security features:-  डेटा गोपनीयता और साइबर खतरों पर बढ़ती चिताओं के साथ, आधुनिक आपरेटिंग सिस्टम के विकास में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण बिन्दू बन गई है।
जैसे जीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर (ZTA) os एक ट्रस्ट सुरक्षा मॉडल की तरफ बढ़ रहे है। जहां कोई भी उपयोगकर्ता या डिवाइस डिफाल्ट रूप् से विश्वसनीय नही है। भले ही वे नेटवर्क के अंदर हो।

Reference: https://www.geeksforgeeks.org/what-is-an-operating-system/

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