File system in hindi & file access method in hindi

Introduction of File system in hindi:

फ़ाइल सिस्टम (File System in hindi) किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक होता है। यह डेटा को संरचित रूप में संग्रहीत, व्यवस्थित और प्रबंधित करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। जब भी हम कोई फ़ाइल बनाते हैं, संपादित करते हैं या हटाते हैं, तब फ़ाइल सिस्टम पृष्ठभूमि में कार्य करता है।

Table of Contents

इस लेख में, हम फ़ाइल सिस्टम की मूलभूत संकल्पना, प्रकार, कार्यप्रणाली और विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम में इसके कार्यान्वयन को विस्तार से समझेंगे।


Definition of file system in hindi:

फ़ाइल सिस्टम एक विधि है जो स्टोरेज डिवाइस (जैसे हार्ड डिस्क, SSD, USB ड्राइव आदि) पर डेटा को व्यवस्थित और एक्सेस करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह डेटा को फ़ाइलों और फ़ोल्डरों के रूप में संरचित करता है, जिससे उपयोगकर्ता और सिस्टम दोनों को डेटा तक आसान पहुंच मिलती है।


what is file system in hindi:

फ़ाइल सिस्टम एक विधि होती है जो स्टोरेज डिवाइस (जैसे हार्ड ड्राइव, SSD, USB ड्राइव आदि) पर डेटा को व्यवस्थित और एक्सेस करने में मदद करती है। यह फ़ाइलों को संरचित तरीके से संग्रहीत करता है और डेटा के एक्सेस को नियंत्रित करता है।

Working of file system in hindi:

फ़ाइल सिस्टम निम्नलिखित कार्यों को निष्पादित करता है:

  1. डेटा स्टोरेज प्रबंधन: फ़ाइल सिस्टम यह निर्धारित करता है कि डेटा को डिस्क पर कैसे संग्रहीत किया जाए।
  2. फ़ाइल नामकरण और संगठन: फ़ाइलों को एक विशिष्ट नाम और पथ प्रदान करता है ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।
  3. एक्सेस नियंत्रण: फ़ाइलों और फ़ोल्डरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयोगकर्ता अनुमतियाँ (permissions) निर्धारित करता है।
  4. डेटा पुनर्प्राप्ति: फ़ाइलों को त्वरित रूप से खोजने और एक्सेस करने की सुविधा देता है।
  5. स्टोरेज क्षमता प्रबंधन: डिस्क स्पेस का अनुकूलन करता है और फ्रेग्मेंटेशन को कम करता है।

Types of file system in hindi:

फ़ाइल सिस्टम को उनके कार्य और उपयोग के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।

Types of file system in hindi

3.1 डिस्क फ़ाइल सिस्टम (Disk File System in hindi)

डिस्क फ़ाइल सिस्टम मुख्य रूप से हार्ड ड्राइव, SSD, फ्लैश ड्राइव और अन्य स्टोरेज डिवाइसेज़ पर उपयोग किए जाते हैं। इनमें निम्नलिखित प्रमुख फ़ाइल सिस्टम शामिल हैं:

(i) FAT32 file system in hindi (File Allocation Table 32)

  • यह एक पुराना फ़ाइल सिस्टम है जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने विकसित किया था।
  • इसका उपयोग छोटे स्टोरेज डिवाइसेज़ जैसे USB ड्राइव और SD कार्ड में किया जाता है।
  • मैक्सिमम फ़ाइल साइज़: 4GB
  • मैक्सिमम वॉल्यूम साइज़: 2TB
  • Windows, Linux और macOS में समर्थित।

(ii) exFAT (Extended File Allocation Table) file system in hindi

  • यह FAT32 का उन्नत संस्करण है और बड़ी फ़ाइलों के लिए उपयुक्त है।
  • मैक्सिमम फ़ाइल साइज़: 16EB (Exabytes)
  • मैक्सिमम वॉल्यूम साइज़: 128PB (Petabytes)
  • Windows, macOS और Linux द्वारा समर्थित।

(iii) NTFS (New Technology File System in hindi)

  • माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित आधुनिक फ़ाइल सिस्टम।
  • सिक्योरिटी, जर्नलिंग और एक्सेस कंट्रोल की उन्नत सुविधाएँ प्रदान करता है।
  • मैक्सिमम फ़ाइल साइज़: 16TB
  • मैक्सिमम वॉल्यूम साइज़: 8PB
  • Windows में डिफ़ॉल्ट रूप से उपयोग किया जाता है, Linux और macOS में Read-Only मोड में उपलब्ध।

(iv) EXT (Extended File System in hindi) Series

  • यह Linux आधारित फ़ाइल सिस्टम है।
  • प्रमुख संस्करण: EXT2, EXT3, EXT4
  • EXT4 सबसे आधुनिक और विश्वसनीय फ़ाइल सिस्टम में से एक है।
  • मैक्सिमम फ़ाइल साइज़: 16TB (EXT4)
  • मैक्सिमम वॉल्यूम साइज़: 1EB (EXT4)
  • केवल Linux ऑपरेटिंग सिस्टम में समर्थित।

(v) HFS+ (Hierarchical File System Plus) और APFS (Apple File System in hindi)

  • HFS+ macOS के पुराने संस्करणों में उपयोग किया जाता था।
  • APFS को Apple ने आधुनिक डिवाइसेज़ के लिए विकसित किया है।
  • APFS SSD और फ्लैश स्टोरेज के लिए अनुकूलित है।

3.2 फ्लैश फ़ाइल सिस्टम (Flash File System in hindi)

फ्लैश मेमोरी आधारित स्टोरेज डिवाइसेज़ (SSD, मेमोरी कार्ड, USB ड्राइव) के लिए डिज़ाइन किए गए फ़ाइल सिस्टम।

(i) JFFS (Journaling Flash File System in hindi)

  • यह एक जर्नलिंग फ़ाइल सिस्टम है जो एम्बेडेड सिस्टम में प्रयोग किया जाता है।

(ii) YAFFS (Yet Another Flash File System in hindi)

  • यह NAND फ्लैश मेमोरी के लिए विकसित किया गया था।

(iii) F2FS (Flash-Friendly File System in hindi)

  • Samsung द्वारा विकसित किया गया यह फ़ाइल सिस्टम आधुनिक SSD और फ्लैश स्टोरेज के लिए अनुकूलित है।

3.3 नेटवर्क फ़ाइल सिस्टम (Network File System in hindi)

नेटवर्क पर फ़ाइलों को साझा करने और एक्सेस करने के लिए उपयोग किया जाता है।

(i) NFS (Network File System in hindi)

  • UNIX और Linux ऑपरेटिंग सिस्टम में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • यह उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क के माध्यम से फ़ाइलों को साझा करने की अनुमति देता है।

(ii) SMB/CIFS (Server Message Block/Common Internet File System)

  • Windows ऑपरेटिंग सिस्टम में फ़ाइल शेयरिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • macOS और Linux में भी समर्थित।

3.4 वर्चुअल फ़ाइल सिस्टम (Virtual File System in hindi – VFS)

यह एक अमूर्त (Abstract) फ़ाइल सिस्टम है जो विभिन्न प्रकार के फ़ाइल सिस्टम को सपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

(i) Procfs (Process File System in hindi)

  • Linux सिस्टम में /proc डायरेक्टरी में उपलब्ध होता है।
  • सिस्टम प्रक्रियाओं की जानकारी संग्रहीत करता है।

(ii) Sysfs (System File System in hindi)

  • Linux में /sys डायरेक्टरी में पाया जाता है।
  • हार्डवेयर और सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन को दर्शाता है।

3.5 क्लाउड फ़ाइल सिस्टम (Cloud File System)

यह फ़ाइल सिस्टम क्लाउड स्टोरेज सेवाओं में डेटा संग्रहीत करने और एक्सेस करने के लिए उपयोग किया जाता है।

(i) Google File System (GFS)

  • Google द्वारा अपने डेटा केंद्रों के लिए विकसित किया गया फ़ाइल सिस्टम।

(ii) Amazon S3 File System

  • Amazon वेब सर्विसेज (AWS) द्वारा क्लाउड स्टोरेज के लिए उपयोग किया जाता है।

(iii) Hadoop Distributed File System (HDFS)

  • यह Big Data एप्लिकेशन के लिए डिज़ाइन किया गया एक वितरित फ़ाइल सिस्टम है।

Comparison between various file system in hindi:

फ़ाइल सिस्टममैक्सिमम फ़ाइल साइज़मैक्सिमम वॉल्यूम साइज़जर्नलिंग सपोर्टOS सपोर्ट
FAT324 GB2 TB❌ नहींWindows, Linux, MacOs
exFAT16 EB128 PB❌ नहींWindows, Linux, MacOs
NTFS16 TB8 PB✅ हाँWindows, Linux (Read-Only), macOS (Read-Only)
EXT416 TB1 EB✅ हाँLinux
HFS+8 EB8 EB✅ हाँMacOs
APFS8 EB8 EB✅ हाँMacOs, iOS

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Method of file accessin hindi| फ़ाइल एक्सेस विधियाँ:

कंप्यूटर में संग्रहीत डेटा को उपयोगकर्ता तक पहुँचाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है। जब कोई उपयोगकर्ता किसी फ़ाइल को खोलता, पढ़ता, संपादित करता या हटाता है, तो ऑपरेटिंग सिस्टम एक विशिष्ट एक्सेस विधि (File Access Method) का उपयोग करता है।

फ़ाइल एक्सेस विधियाँ यह निर्धारित करती हैं कि डेटा को कैसे संग्रहीत और पुनर्प्राप्त किया जाएगा। विभिन्न प्रकार के स्टोरेज सिस्टम और एप्लिकेशन की आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग एक्सेस विधियाँ उपयोग की जाती हैं। इस लेख में, हम विभिन्न फ़ाइल एक्सेस विधियों का विस्तृत अध्ययन करेंगे।


types of file access in hindi

फ़ाइल एक्सेस विधियाँ उन तकनीकों को संदर्भित करती हैं जिनके माध्यम से डेटा को डिस्क से पढ़ा और लिखा जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम और स्टोरेज डिवाइस की संरचना पर निर्भर करता है।

मुख्यतः, फ़ाइल एक्सेस की निम्नलिखित विधियाँ होती हैं:

  1. अनुक्रमिक एक्सेस (Sequential Access)
  2. प्रत्यक्ष एक्सेस (Direct Access)
  3. अनुक्रमणिका आधारित एक्सेस (Indexed Access)
  4. हैशिंग आधारित एक्सेस (Hashed Access)

3. Types of file access method in hindi:

3.1 अनुक्रमिक एक्सेस (Sequential Access)

यह सबसे सरल और पारंपरिक एक्सेस विधि है। इसमें डेटा को उसी क्रम में पढ़ा या लिखा जाता है जैसे वह स्टोरेज डिवाइस में संग्रहीत होता है।

विशेषताएँ:

  • डेटा को क्रमबद्ध तरीके से एक्सेस किया जाता है।
  • यह आमतौर पर टेप स्टोरेज सिस्टम में उपयोग किया जाता है।
  • फाइल में किसी विशेष रिकॉर्ड तक पहुँचने के लिए पिछले सभी रिकॉर्ड को पढ़ना पड़ता है।
  • डेटा पुनर्प्राप्ति धीमी होती है।

example of sequential access method in hindi:

  • पुराने जमाने के मैग्नेटिक टेप ड्राइव
  • लॉग फाइल्स
  • बैकअप सिस्टम

लाभ:

  • सरल और आसान कार्यान्वयन
  • कम हार्डवेयर संसाधनों की आवश्यकता

सीमाएँ:

  • डेटा तक पहुँचने की गति धीमी होती है।
  • किसी विशेष रिकॉर्ड तक पहुँचने के लिए पूरे डेटा को स्कैन करना पड़ता है।

3.2 प्रत्यक्ष एक्सेस (Direct Access method in hindi) या रैंडम एक्सेस (Random Access method in hindi)

इस विधि में डेटा को किसी भी क्रम में एक्सेस किया जा सकता है। यह तकनीक हार्ड डिस्क और SSD जैसे स्टोरेज सिस्टम में उपयोग की जाती है।

विशेषताएँ:

  • डेटा को सीधे एक्सेस किया जा सकता है, बिना पूरे डेटा को स्कैन किए।
  • यह विधि डिस्क-आधारित स्टोरेज के लिए उपयुक्त होती है।
  • हर रिकॉर्ड को एक विशिष्ट स्थान दिया जाता है, जिससे तुरंत एक्सेस संभव होता है।

उदाहरण:

  • हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) और सॉलिड-स्टेट ड्राइव (SSD)
  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS)
  • मल्टीमीडिया फ़ाइल एक्सेस

लाभ:

  • तेज़ डेटा पुनर्प्राप्ति
  • मल्टी-यूज़र सिस्टम में प्रभावी

सीमाएँ:

  • जटिलता अधिक होती है।
  • कुछ स्टोरेज डिवाइस इस विधि का समर्थन नहीं करते।

3.3 अनुक्रमणिका आधारित एक्सेस (Indexed Access method in hindi)

इस एक्सेस विधि में डेटा तक पहुँचने के लिए एक अनुक्रमणिका (Index) का उपयोग किया जाता है। यह विधि उन फ़ाइलों के लिए उपयोगी होती है जिनमें बड़ी मात्रा में डेटा होता है।

विशेषताएँ:

  • प्रत्येक फ़ाइल के लिए एक अनुक्रमणिका बनाई जाती है।
  • अनुक्रमणिका में रिकॉर्ड के भौतिक स्थान की जानकारी होती है।
  • उपयोगकर्ता सीधे रिकॉर्ड तक पहुँच सकते हैं।

उदाहरण:

  • डेटाबेस सिस्टम (जैसे SQL, Oracle)
  • बड़ी टेक्स्ट फ़ाइलें (जैसे टेलीफोन डायरेक्टरी)
  • ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम

लाभ:

  • तेज़ डेटा पुनर्प्राप्ति
  • रिकॉर्ड को सीधे एक्सेस करने की सुविधा

सीमाएँ:

  • अनुक्रमणिका को बार-बार अपडेट करने की आवश्यकता होती है।
  • अनुक्रमणिका को स्टोर करने के लिए अतिरिक्त स्पेस की आवश्यकता होती है।

3.4 हैशिंग आधारित एक्सेस (Hashed Access method in hindi)

इस विधि में डेटा को एक्सेस करने के लिए हैशिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक रिकॉर्ड को एक विशिष्ट “हैश की” (Hash Key) असाइन की जाती है।

विशेषताएँ:

  • डेटा को हैश फ़ंक्शन के माध्यम से संग्रहीत और एक्सेस किया जाता है।
  • यह विधि बहुत तेज़ होती है।
  • इसका उपयोग बड़े डेटाबेस और खोज प्रणालियों में किया जाता है।

उदाहरण:

  • ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम
  • कैशिंग सिस्टम (जैसे वेब ब्राउज़र कैश)
  • क्रिप्टोग्राफिक एप्लिकेशन

लाभ:

  • बहुत तेज़ एक्सेस गति
  • बड़ी संख्या में रिकॉर्ड को कुशलता से हैंडल करता है।

सीमाएँ:

  • हैशिंग फ़ंक्शन में कोलिज़न (Collision) की समस्या हो सकती है।
  • यदि हैश टेबल भर जाती है, तो डेटा पुनर्गठन की आवश्यकता होती है।

Comparison between file access method in hindi:

एक्सेस विधिगतिउपयोगउदाहरणलाभसीमाएँ
अनुक्रमिक एक्सेसधीमीटेप स्टोरेजलॉग फ़ाइलें, बैकअप सिस्टमसरल, कम लागतरिकॉर्ड तक पहुँचने में अधिक समय लगता है
प्रत्यक्ष एक्सेसतेज़डिस्क स्टोरेजHDD, SSD, मल्टीमीडिया फाइलेंतेज़ डेटा पुनर्प्राप्तिजटिल कार्यान्वयन
अनुक्रमणिका आधारित एक्सेसमध्यमडेटाबेस, बड़ी फाइलेंSQL, बुकिंग सिस्टमतेज़ एक्सेस, बेहतर संगठनअनुक्रमणिका अपडेट करने की आवश्यकता
हैशिंग आधारित एक्सेसबहुत तेज़डेटाबेस, सिक्योरिटी सिस्टमबैंकिंग, वेब कैशिंगउच्च गति, कुशल डेटा हैंडलिंगकोलिज़न समस्या, डेटा पुनर्गठन की आवश्यकता

5. निष्कर्ष

फ़ाइल एक्सेस विधियाँ ऑपरेटिंग सिस्टम की कार्यक्षमता और प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विभिन्न प्रकार की फ़ाइल एक्सेस विधियाँ भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं और उपयोग मामलों के लिए उपयुक्त होती हैं।

  • यदि डेटा अनुक्रमिक रूप से एक्सेस किया जाता है, तो अनुक्रमिक एक्सेस सबसे अच्छा विकल्प होता है।
  • यदि रिकॉर्ड को तुरंत एक्सेस करना आवश्यक है, तो प्रत्यक्ष एक्सेस सबसे उपयुक्त होता है।
  • यदि डेटा बहुत बड़ा है और उसे जल्दी एक्सेस करना है, तो अनुक्रमणिका आधारित एक्सेस प्रभावी होती है।
  • हैशिंग आधारित एक्सेस उन एप्लिकेशन के लिए उपयुक्त होती है जहाँ तेज़ डेटा पुनर्प्राप्ति की आवश्यकता होती है।

सही फ़ाइल एक्सेस विधि का चयन करने से सिस्टम की दक्षता और प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है।

Reference: File system

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